शनिवार, 9 दिसंबर 2023

प्रभु! आओ, संवेदनशील मनुष्य के प्राण बचाओ

 

लेख के जो वाक्य स्थान सीमितता के कारणवश प्रकाशित नहीं हो पाये, वे इस प्रकार हैं:

राष्ट्र-विराष्ट्र का शासन-प्रशासन संवेदनशील व्यक्ति के सिर पर मंडरा रहा है। उसे ईश्वरीय तथा प्राकृतिक जीवन नहीं जीने दे रहा। ऐसे में यही प्रार्थना है कि प्रभु! आओ, संवेदनशील मनुष्य के प्राण बचाओ।

गरुड़-क्रीड़ा


 

गुरुवार, 26 अक्तूबर 2023

The Blue


 



Last Snake Gourd Of This Season


 

पारंपरिक साधन से धान निकालती कृषक स्त्रियां


 

पर्वत की मेघाकृति


 

उत्सवपूर्ण चन्द्र रात्रि | दशानन दहन | दशहरा | मंगलवार 24 अक्टूबर 2023

शनिवार, 7 अक्तूबर 2023

कुछ पुरानी पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं | कीड़ों से बचाने रखी हैं धूप में | ...

प्राकृतिक जीवन की पुनर्स्थापना

शेष बची हुयीं दो पंक्तियां इस प्रकार हैं, जो पत्र में स्तंभ-स्थान की न्यूनता के कारणवश मुद्रित नहीं हो पायीं :- रचनात्मक अभिरुचियों में दृढ़तापूर्वक स्थिर होने के लिये उन्हें समय का दान दें। संभवतः इन उपायों से मनुष्यों का प्राकृतिक जीवन पुनर्स्थापित हो जाय।

गुरुवार, 20 जुलाई 2023

डॉ. विपिन गुप्ता ने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से प्रबंधकीय विज्ञान एवं व्यावहारिक अर्थशास्त्र में पीएच.डी. की है। वो भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद, भारत के स्नातकोत्तर पाठ्ययक्रम से स्वर्ण पदक विजेता हैं। वह जैक एच ब्राउन कॉलेज ऑफ बिजनेस एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी सैन बर्नार्डिनो, यूएसए में सेंसिबल मैनेजमेंट और एप्रोप्रियेट साइंस के प्रोफेसर हैं। उनके द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखित पुस्तक Is Divine Energy का हिन्दी में किया गया रचनात्मक अनुवाद ही है निम्न (क्या दिव्य शक्ति है, असीमित स्थायी मूल शक्ति का रहस्य) नामक पुस्तक।

https://notionpress.com/read/kya-divya-shakti-hai