हरिहर
विकुब
शनिवार, 16 सितंबर 2023
मनुष्यता के लिये प्राकृतिक जीवन (यहां मनुष्यता का संबंध उन मनुष्यों से है जो सज्जन हैं। उनके संदर्भ में नहीं, जो मनुष्यों के रूप में मलेच्छ, विधर्मी एवं दुर्जन बनकर विचर रहे हैं)।
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