ऐसा पहला उपन्यास जो :--
· मीडिया की आंतरिक समस्याओं को गहनतापूर्वक प्रस्तुत करता है
· सामान्य मीडियाकर्मियों के संघर्ष, पीड़ा, शोषण और विवशताओं को रेखांकित करता है
· अपूर्व कथा के माध्यम से मीडिया की विसंगतियाँ उजागर करता है
· अवैध कारोबार का सुरक्षा-मुखौटा बने मीडिया के दुरुपयोग के अज्ञात बिंदुओं पर प्रकाश डालता है
· देश की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और यहाँ तक कि धार्मिक-आध्यात्मिक समस्याओं की परत-प्रति-परत खोलता है
· अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्रों के आंतरिक उपक्रमों की पड़ताल करता है
· भारतीय शासन-प्रशासन की अकर्मण्यता, विकलांगता और जीवनघाती विसंगतियाँ प्रकट करता है
· इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से प्रचलित पारंपरिक मीडिया को भी अलोकप्रिय बनाया है, इसका औपन्यासिक विवरण देता है