बुधवार, 7 अगस्त 2024

मीडिया चक्रव्यूह (उपन्यास) मीडिया पर पहला हिन्दी उपन्यास

ऐसा पहला उपन्यास जो :--

·         मीडिया की आंतरिक समस्याओं को गहनतापूर्वक प्रस्तुत करता है

·         सामान्य मीडियाकर्मियों के संघर्षपीड़ाशोषण और विवशताओं को रेखांकित करता है

·         अपूर्व कथा के माध्यम से मीडिया की विसंगतियाँ उजागर करता है

·         अवैध कारोबार का सुरक्षा-मुखौटा बने मीडिया के दुरुपयोग के अज्ञात बिंदुओं पर प्रकाश डालता है

·         देश की राजनीतिकसामाजिकआर्थिकवैज्ञानिक और यहाँ तक कि धार्मिक-आध्यात्मिक समस्याओं की परत-प्रति-परत खोलता है

·         अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्रों के आंतरिक उपक्रमों की पड़ताल करता है

·         भारतीय शासन-प्रशासन की अकर्मण्यताविकलांगता और जीवनघाती विसंगतियाँ प्रकट करता है

·         इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से प्रचलित पारंपरिक मीडिया को भी अलोकप्रिय बनाया हैइसका औपन्यासिक विवरण देता है




 

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